क्या ढूंढ रहा है नासा समुन्द्र के गहरे तल में ? जी हां समुन्द्र के सतह से 10 km निचे गहरे पानी में। ऐसा कोनसा राज हैं जिसे Nasa एकदम से खोज निकलना चाहता है। बहुत काम से लोग ये बात जानते है की Florida के तट से थोड़ी ही दूर समुद्र की 20 मीटर की गहराई में दुनिया का एकलौता Under Water Lab बसा हुआ है। जिसका नाम है Aquarius Reef Base.
यहाँ पर हर साल नासा के 5 से 6 Researchers और Astronauts कई हफ्तों के लिए भेजे जाते है एक खास किसम के प्रोजेक्ट के खातिर जिसका नाम है प्रोजेक्ट NEEMO (NASA’s Extreme Environment Mission Operations) इन नासा साइंटिस्ट को खास तौर पर बोलै जाता है Aquanauts.
सिर्फ यही नहीं नासा का एक Autonomous under water vehicle है। जिसका नाम है AUV ORPHEUS ये समुन्द्र के 10 किमी अंदर जाके वहा आज रिसर्च कर रही है । लेकिन नासा जैसे Space Agencies का आखिर समुद्र में क्या काम है ? जबकि America के पास महासागर अनुसंधान के लिए अलग से एक बड़ी सी संस्था तो है ही NOAA
तो क्या नासा को समुन्द्र के निचे किसी एलियन के होने के सबूत मिले है क्या ? या फिर पृथ्वी पर कोई बड़ी दुर्घटना घटना घटने वाली है जिसका अहसास नासा साइंटिस्ट्स को पहले से हो चूका है। चली समझते है क्या चल रहा है बिल्कुल नासा वैज्ञानिको के दिमाग में।
आज ही के दौर में नासा एक खतरनाख मिशन प्लान कर रहा है। ऐसा मिशन जिसके लिए में व्यक्तिगत रूप से 6 सालो से इंतजार कर रहा था। ये निचे दिया हुआ चार्ट देखिये।
पानी में रहने वाले सभी जानवरो की प्रजातियाँ में से 90% सब The Sunlight Zone में रहते है। पता है ऐसा क्यों ? इतने बड़े महासागर में से इतना छोटा सा हिस्सा सबसे अधिक आबादी वाले क्यों हुए ? इसका कारन ये है की जैसे जैसे आप पानी की गहराई में जाते चले जाते हो Pressure (दबाव) उतना अधिक बढ़ने लगता है।
हर 10 मिटेर गहरा जाने पर Water Pressure 1 Atm से बढ़ता है। 1 Atm Pressure यानि की हमारा शरीर जो नॉर्मली जमीन पे महसूस करता है। आपको याद है वो Titan Submersible का किस्सा ये सबमरीन समुद्र का स्तर 3.5 किमी अंदर थी जब वो Explode हो गई थी और अंदर बैठे लोग 1 मिली सेकंड के अंदर ही पूरी तरह से वपूरिसे Vapourise हो गए थे एकदम तुरंत। उन्हें दर्द भी महसूस नहीं हुआ होगा क्युकी ब्रेन को ही पैन सेंसेशन फील करने के लिए काम से काम 25 मिली सेकंड का टाइम लगता है। इससे पहले की वो लोग कुछ महसूस कर पते सब कुछ एक झटके में ही नस्ट हो गया।
मगर इस गहराई में जिसमे Titan Explode हुआ था इससे भी और 3 गुना अधिक गहराई में नासा जा रही है। क्युकी नासा बहुत ही जल्द एक बड़े लेवल का एलियन एक्सप्लोरेशन मिशन प्लान कर रही है। वोभी हमारे ही Solar System के एक ऐसे Space Object में जहा पर हमें Alien life मौजूद होने के संकेत मिले है। बस वह पर जाके हमें कन्फर्म करके आना है।
अब वो कोनसा मिशन है और हमारे ही solar System में बिल्कुल नासा एलियंस को कहा पर ढूंढने वाली है क्या आपको ये चीज पता है ? वैसे इसके बारे में हम आगे जानेंगे।
लेकिन इससे पहले समझते है की एक एलियन मिशन का पृथ्वी के गहरे समुन्द्रो से क्या लेना देना हो सकता है ? वैसे आपको तो पता ही होगा पृथ्वी में ज़िंदगी की शुरुआत गहरे समुद्र में ही हुई थी। और यही फैक्ट नासा के लिए एक बड़ा प्रूफ ऑफ़ कांसेप्ट है। दरअसल नासा साइंटिस्ट के अनुसार 3 जरुरी मानदंड है जिससे हम जैसे जिन्दगियो की शुरुआत होती है किसी भी पर्यावरण में।
- Water
- Energy
- Chemistry
हम कितने भी विकसित और समझदार जीव क्यों न बन जाये लेकिन अंत में हम सब Non Living Atom से ही तो बने है। हम सब पर भी वही Law’s and Forces of Nature लागू होता है। कुछ ऐसे Specific Element है जो life को जनम देने के लिए बहुत जरुरी है जैसे –
- Carbon (C)
- Hydrogen (H)
- Oxygen (O)
- Sulfur (S)
- Nitrogen (N)
- Phosphorus (P)
और ये एलिमेंट जब एक दूसरे के साथ एक स्पेशल वे में जुड़ते है तो इनके इंटरेक्शन जिसे Chemistry कहते है उससे Life का जनम होता है। मगर सारे एलिमेंट्स को साथ में रख देने से क्या ये अपने आप जुड़ जायेंगे और Life का जनम हो जायेगा ? इसे आप ऐसे समझिए अगर हमारे पास चायपत्ती चीनी और अदरक हो तो क्या इन्हे एक साथ पतीले में रखने से चाय बन जाएगी ?
तो जाहिर सी बात है चाय ऐसे नहीं बन सकती। चाय बनने के लिए चाहिए एक Medium जो की है पानी और फिर चाहिए Energy इन्हे आपस में Interact कराने के लिए। जैसे हम गैस से Derived Heat Energy चाय में ट्रांसफर करते है और फिर चाय बनता है।
अब पृथ्वी के शुरुआती दिनों में इन एलिमेंट्स को भी एक Specific way में Combine होने के लिए Water and Energy की जरुरत थी जो की उस वक्त हमारे समुन्द्रो में मौजूद थी। हो सकता है की आपको ये सवाल आये की Energy इतने गहरे समुद्र में कहा से मिल सकती है।
समुद्र के गहरे कोनो तक सूर्य की किरणे तो पहुँचती नहीं है। और पृथ्वी पर हर कोई जीवित प्राणी सूर्य पर ही तो आश्रित है Energy (ऊर्जा) के लिए। वैसे ये न एक बहुत ही आम ग़लतफ़हमी है की हम सूरज की रोशनी के बिना जी ही नहीं सकते। असल में हम ऊर्जा के बिना नहीं जी सकते। और सूरज की रोशनी बाकिन Energy Source में से बीएस सिर्फ एक सोर्स है।
पृथ्वी पर लाइट की शुरुआत सूरज की रोशनी से नहीं हुई थी और इसीलिए नासा की दिलचस्पी महासागर के निचे एक Special Zone में है जहा पर लाइफ पहेली बार जनम लिया था THE HADAL ZONE
अब ये THE HADAL ZONE क्या है और इसके मदत से साइंस लाइफ की उत्पत्ति की गुथ्थी को कैसे हल कर रहा है इसका जवाब आपको हमारे आने वाले इसी आर्टिकल नासा समुद्र में क्या ढूंढ रहा है ? के Part – 2 में मिल जायेगा।