सनातन धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना जाता है। सनातन धर्म में जितने भी ग्रन्थ लिखे हैं वो सारे आज क भौतिक विज्ञान से भी कहि आगे है। आये दिन Nasa इसे साबित करता रहता है। यहाँ तक की अगर Nasa को किसी चीज का उत्तर नहीं मिलता तो वो सनातन धर्म के ग्रंथो का सहारा लेते।
क्या ब्रह्माण्ड में ऐसा महासागर है जिसमे पृथ्वी डूब सकती है ?
इस्पे एक रिसर्च हुई और उसे बताने से पहले एक कहानी मुझे याद आई जो श्रीमद्भागवत पुराण में दी हुई है। एक हिरण्याक्ष नाम का दैत्य रहता है जो धरती के बिनास के लिए धरती को ऐसे फेकता है की वो एक महासागर में जेक डूब जाती है। तब भगवान् विष्णु वराह अवतार लेकर धरती को महासागर से बहार निकलते है।
कुछ लोग इस कहानी को सामान्य कहानी के रूप में ले सकते है और में भी ऐसा कोई दवा नहीं करूँगा। लेकिन हाल ही में Nasa के 2 टीम ने मिलकर ब्रह्माण्ड की सबसे बड़े महासागर की खोज की। ये महासागर धरती से 12 Billion Light Years दूर है।
आप हैरान हो जायेंगे जान कर की जो महासागर मिला है इसके ऊपर जितना पानी है वो पृथ्वी पे मौजूद पानी की तुलना में 140 Trillions times ज्यादा है। मतलब 1 Trillion में 1 लाख करोड़ होते है। क्या आप सोच सकते है मतलब उस सहर के सामने मात्र 1 बड़े पत्थर जितनी दिखेगी सोचिये कितना ज्यादा पानी होगा।
Scientist तो ये भी कहे रहे है की ये महासागर हमेसा से मौजूद रहा है जबसे ब्रह्माण्ड अस्तित्वा में आया है। अब इस Research ने इतना तो साबित कर दिया की इन ब्रह्माण्ड में धरती के पानी के तुलना में लाखो करोडो गुना महासागर है।
इतनी ही बड़ी बात ये भी है की ऐसे ही एक महासागर का वर्णन सनातन धर्म के श्रीमद्भागवत पुराण कथा में भी है। भले ही आप इस कहानी को सच मनो या न मनो लेकिन साइंटिस्ट भी सम्मोहित हो गए इस महासागर के बारे में जान के।